**श्री गणेशाय नमो नमः**
कटाया है शीश पर, झुकाया है कभी नहीं।
सर्व बलिदान किया, बात न भुलाने की ..
हैहय सहस्त्रबाहु , ताम्रध्वज, पृथ्वी देव ,
लुप्त भई कीर्ति, करनी इस जमाने की।।।
मोह निद्रा वशीभूत जागृत, सुसुप्त भये ,
डुबाई " प्रचण्ड " शान, हैहय घराने की ....
जागो रे जागो शीघ्र, ताम्रकारो जागो नेक,
कालिमा कलंक भयो, छुड़ा दो बीर बाने की।।।
दिनॉक १६, १७ और १८ नवंबर २०१३ को शमसाबाद जनपद कौशाम्बी में हैहयवंशी समाज कसेरा, ठठेरा, ताम्रकार, कसार आदि की तरफ से सामूहिक दहेज़ रहित वैवाहिक महा सम्मलेन कि कुछ झलकियां :
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pradeep.kasera
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