ऐतिहासिक युग में प्रवेश
महाराजा विक्रम सेन (King Vikram Sen)
हैहय नरेश महाराजा विक्रम सेन की राजधानी रतनपुर ही थी। इनका विवाह संभल प्रदेश के चौहान राजा की पुत्री सौर्मेयी से हुआ, जिससे भीमसेन नाम के पुत्र की उत्पत्ति हुई। प्रसिद्द ऐतिहासिक सम्राट मालवा नरेश महाराजा विक्रमादित्य इनके समकालीन थे। दिग्विजय करते हुए मालवा नरेश के द्वारा इनके राज्य पर आक्रमण किया गया अंततः घोर युद्ध के पश्चात संधि हुई। जिसके अनुसार रतनपुर को एक स्वतंत्र मित्र राज्य घोषित किया गया तथा विक्रम सेन को हैहय कुल भूषन पृथ्वीपति की उपाधि से विभूषित किया गया। तपस्या करते हुए अरम्कन्तक में इन्होने अनी देह का परित्याग किया। Haihay King, King Vikram Sen was the capital Ratanpur. They were married at steady state was Surmeyi Chauhan king's daughter, was born the son of Bhimsen name. His Majesty the King of Malwa king Vikramaditya was historically famous contemporaries. Digvijay made by the Malwa king atrocious war finally attacked the treaty. Ratanpur according to which the state was declared an independent friend and Vikram Sen was conferred the title of Prithvipti Haihay Bhushan. He meditated on the eternal torment they had abandoned their bodies.
महाराजा भीमसेन (King Bheem Sen)
महाराजा विक्रम सेन की मृत्यु के उपरान्त राजा भीमसेन उत्तराधिकारी हुए। चेदि नरेश की पुत्री से पुत्र कुमारपाल की हुई। विक्रम संवत 91 में आप स्वर्गवासी हो गए। After the death of King Vikram Raja Sen Bhimsen succeeded. Was the daughter of the King of Chedi Kumarpal son. Vikrama era gone to heaven at 91.
कुमार पाल (Kumaar Paal)
आपने भी 81 वर्ष तक शासन कर विक्रम संवत 172 में प्रयाण किया। उज्जैन नरेश कल्लोल्पाल की पुत्री प्रेम भद्रा से उत्पन्न कर्णपाल इनके पश्चात् राज्य के उत्तराधिकारी हुए। You also 81 years ruled Vikram Samvat 172 in March.
arising from Ujjain King kallolpal daughter of love after his successor
State karnapal bhadra.
कर्ण पाल (Karna Paal)
बिहार नरेश मकरध्वज की पुत्री से आपका विवाह हुआ और कुमार सेन नामक पुत्र की प्राप्ति हुई। इनकी शासन अवधी 79 वर्ष है। इनका स्वर्गवास संवत 251 बताया जाता है। Daughter of King makradhvaj of Bihar by marriage and son
of Sen. they are called Kuma was their demise: 79 year trial rule 251.
Samvat.
महाराज कुमार सेन (King Kumaar Sen)
चौल नरेश सुरसिंह की पुत्री श्रीमती इनकी पत्नी हुई जिनसे नरपाल नामक पुत्र की उत्पत्ति हुई। इतिहास में इनका शासन काल एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। क्योकि हयाब्द (हैहय) सवंतसर का प्रारंभ राजा कुमारसेन के समय से ही प्रचलित हुआ। इस संवत की विशेषता यह रही की जिस तिथि से यह प्रारंभ हुआ, वह इनके आदिम पूर्वज सम्राट हैहय की जन्म तिथि थी। इतिहास में सन संवतों के स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इस सन्दर्भ में हैहय संवत से सम्बंधित कलचुरी एवं चेदि संवत का अनुसंधान भी अपेक्षित है, क्योकि आगे चलकर हैहयवंशी ही कलचुरी और चेदि नरेशो के नाम से विख्यात हुए। अतः विस्तार से विचार करने के लिए हयाब्द संवत का अध्याय ग्रन्थ में अल से वर्णन दिया गया है। श्री महावीर प्रसाद जी तिवारी द्वारा लिखित एक हस्तलिखित प्रति जनपद प्रतापगढ़ से प्राप्त हुई थी, जिसके अनुसार इन्होने कलिंग देश पर भी विजय प्राप्त की। वास्तु कला के प्रेमी होने के कारण अनश सुनदर भवनों एवं सरोवरों का निर्माता भी इन्हें बताया जाता है।
Chaul
was their wife, daughter of Mrs. King sursinh which originated in the
history of the son named narpal are an important space. period. because
hbd (haha) since the start of the sanvatsar King kumarsen prevalent. the
feature of having the date of Samvat since it started, the birth date
of their primitive ancestor Emperor haha. history is of the utmost
importance in place of isvi sanvaton. associated with this context in
Samvat haha Kalchuri is also expected, Samvat
research and chedi because later chedi of the heavens kalchuri and noted
naresho. therefore, to consider in detail the chapter described
separately in Samvat granth hbd. Sri Mahavir Prasad JI written by TI
from Pratapgarh district a handwritten copy was obtained, which
conquered the Kalinga country inhone. architectural art lover due to
extreme sander buildings & sarovron The manufacturer also.
नर पाल (Nar Paal)
महाराज कुमार सेन के अवसान के पश्चात् रतनपुर राज्य के अधिकारी राजा नरपाल हुए। विदर्भ नरेश ब्रिज केट की पुत्री जानकी देवी से इनका विवाह हुआ। रानी के नाम पर ही इन्होने अलग से एक जानकी नगर को बसाया। 51 वर्ष राज्य करके विक्रम संवत 377 में ये परलोक को सिधार गए। इनके मृत्योपरांत मोहन पाल उत्तराधिकारी हुए। Maharaj Kumar Sen expires after State officials in
ratnapura King narpal. daughter of Vidarbha King Bridge/-commedation
from the goddess Kate should match the name of the Queen was soon
resettled the city with a separate/-commedation inhone. 51 years by
State in the Vikram Samvat 377 sidhar last. by mrityoprant Mohan PAL
successor.
मोहन पाल (महेंद्र पाल)
Mohan Paal or Mahendra Paal
Mohan Paal or Mahendra Paal
इनका शासन काल विक्रम संवत 377 से विक्रम संवत 427 रहा। प्रसिद्द इतिहास वेत्ता तत्कालीन आचार्य दत्तात्रेय गणेश कस्तूरे कृत " भारत वर्ष का इतिहास" नामक ग्रन्थ के आधार पर राजा महेंद्र के राज्य की सीमाँ वर्तमान में मध्य प्रदेश के रायपुर, बिलासपुर, संभलपुर और उडीसा के जिलो तक फ़ैली हुयी थी। श्री कस्तूरे जी ने लिखा है की गुप्त सम्राट महाराजा समुद्र गुप्त के साथ आपका युद्ध भी हुआ। जिसमे इन्हें अपार क्षति उठानी पड़ी। इतिहास के अनुसार समुद्र गुप्त का शासन काल विक्रम संवत 392 से 432 तक रहा। विक्रम संवत 427 में इनका देहावसान हो गया। इस प्रकार महेंद्र पाल की शासनावधि 50 वर्ष रही। इनकी रानी जो की श्रृंगवेरपुर नरेश की पुत्री सुशीला देवी थी, से जग पाल नामक पुत्र उत्पन्न हुआ, मेकल पर्वत पर स्थित धनपुर नामक नगर इन्ही के द्वारा बसाया गया था। अजेय्गढ़ नामक किले का निर्माण भी आपने ही कराया था।
The King then awakened his son Mohan Pal Pal ratnapura State officials. they married daughters of King Wang ramdev 02 1-sudha durgavti durgavti 2-the name of the fortress from the city was resettled by 51 years from durgavti son rajyoprant dev PAL post JAG PAL Vikram Samvat 478 in war receive the heroic speed.
ताम्रकार/ठठेरा (हैहय वंशी क्षत्रिय) समाज के कुछ व्यक्ति बर्तन निर्माण का कार्य करते हुए। Tamrakar/thathera (haha vanshi Kshatriya) society some people working to build the pot.
हैहय वंशी नरेशो द्वारा बनवाए गए मंदिर और सरोवर Chola Temple and Lake by the Haihay vanshi nareshas
By
Vikram Samvat, Vikram Samvat period them 377 427. then wait prasidd
history professor dattatreya were Ganesh kasture processed "India year
history" granth by King Mahendra siman State of BILASPUR, Raipur, Madhya
Pradesh in present sambhalpur and Orissa State districts, far failee
huyi. Mr. kasture g, secret of the Emperor the Emperor's secret war with
the sea in which they take immense damage.. According to sea history Latent
period of Vikram Samvat, Vikram Samvat 427 432 of the 392 in them
died.. thus Mahendra Pal's corresponding 50 years. their Queen, the
daughter of King shrringaverpur was called son of Sushila Devi jagpal
originated, dhanpur, a town located on mikael inhi was resettled by the
construction of the Fort you also called aghajari. free.
राजा जगपाल(King Jag Paal)
नरेश मोहन पाल के उपरांत उनके पुत्र जग पाल रतनपुर राज्य के अधिकारी हुए। इनका विवाह वांग नरेश रामदेव की 02 पुत्रियों 1- सुधा 2- दुर्गावती से हुआ, दुर्गावती के नाम पर ही दुर्ग नगर इनके द्वारा बसाया गया। 51 वर्ष तक राज्योपरांत दुर्गावती से उत्पन्न पुत्र देव पाल गद्दी पर बैठे जग पाल विक्रम संवत 478 में युद्ध में वीर गति को प्राप्त हो गए। The King then awakened his son Mohan Pal Pal ratnapura State officials. they married daughters of King Wang ramdev 02 1-sudha durgavti durgavti 2-the name of the fortress from the city was resettled by 51 years from durgavti son rajyoprant dev PAL post JAG PAL Vikram Samvat 478 in war receive the heroic speed.
राजा देव पाल (King Dev Paal)
आपने नामक नगर बसाया रानी का नाम देवी था जो की कलिंग नरेश राजा सुपर्ण की पुत्री थे। 48 वर्ष तक राज्य करने के बाद विक्रम संवत 526 में इनकी मृत्यु हो गई। You have called the city name of the goddess who had
resettled Queen of Kalinga King King daughter of suparn. 48 years after
State Vikram Samvat died in 526.
राजा भूरिपाल (King Bhoori Pal)
देव पाल के पश्चात इनके पुत्र भूरी पाल रतनपुर के नरेश हुए, इनकी रानी का नाम कंकोली था, जो की केथिन नरेश सुदर्शन की पुत्री थी। आपके द्वारा बनवाए गए अनेक महल व मंदिर पुरातत्व विभाग को उपलब्ध हुए है। रायपुर जिले में वर्तमान सिरपुर आपके द्वारा ही बसाया गया नगर था। 46 वर्ष तक राज्य करने के उपरांत विक्रम संवत 572 में इनका देहावसान हो गया। इनके बाद पुत्र भीम पाल इनके उत्तराधिकारी हुए। After their son, dev PAL King of ratnapura while Brown
sails, the Queen's name was kankoli, the daughter of kenneth King
Sudarshan. you have built a number of palaces and temples, the
archaeological Department is currently available by spurrier as Raipur
district were resettled to 46 years State City. harvest Vikram Samvat
572 in they died. his successor later son bhim PAL.
राजा भीम पाल (King Bheem Paal)
कुन्तल नरेश वीर भद्र की पुत्री तनया रति देवी से आपका विवाह हुआ। जिससे काम देव नाम के पुत्र की प्राप्ति उइ। राजा भीम पाल ने भीम सागर नामक सरोवर का निर्माण कराया और उसके तट पर देवालय स्थापित कराये। 52 वर्ष तक वीरता पूर्वत राज्य करने के उपरांत विक्रम संवत 624 में आप परलोक को सिधार गए। Quintals Tnya Rati Devi, daughter of King Veer Bhadra you were married. The name of the Son of God realization Ui work. Raja Bhim Paul Bhim Sagar, a lake shore temple built and made up. After 52 years valor Purwat state at 624 Vikrama era had passed away to the other world.ताम्रकार/ठठेरा (हैहय वंशी क्षत्रिय) समाज के कुछ व्यक्ति बर्तन निर्माण का कार्य करते हुए। Tamrakar/thathera (haha vanshi Kshatriya) society some people working to build the pot.
हैहय वंशी नरेशो द्वारा बनवाए गए मंदिर और सरोवर Chola Temple and Lake by the Haihay vanshi nareshas
प्रदीप सिंह ताम्रकार (Pradeep Singh Taamer)
एक अन्य सरोवर जिसे हैहय वंशी क्षत्रियो ने बनवाया Another Lake that erected by haihay vanshi kshatriyas
एक अन्य सरोवर जिसे हैहय वंशी क्षत्रियो ने बनवाया Another Lake that erected by haihay vanshi kshatriyas
स्त्री शिक्षा का महत्त्व
जिस घर में नारी अर्थात स्त्री की पूजा होती है, देवता वही वास करते है, यह सर्व विदित है। नारी में कितनी महानता है, जिसकी अराधना मात्र से अलौकिक सत्ताव का वास होता है। नारी को देवी मान का सहचरी प्राण कहा गया है, पर क्या हमारे समाज ने नारी के इन सब रूपों को ध्यान में रखकर उसकी शिक्षा की व्यवस्था की है। स्त्रियों को सदैव दूसरो पर निर्भर रहने और दासी बनकर रहने की ही शिक्षा दी गई है और दी जा रही है। लेकिन आज की नारी का रूप और स्वरूप दोनों ही बदल रहा है, आज की वह घूँघट में रहने वाली अनपढ़ गुडिया नहीं रहे। आज वह शिक्षित महिला के रूप में बही जगत में प्रवेश कर रही है। आज लोकतंत्र में सभी दृष्टी से भी राजनैतिक, मानसिक, धार्मिक और आर्थिक तथा सांस्कृतिक क्षेत्र में स्त्री शिक्षा का बहुत ही महत्त्व है। यदि स्त्री भी पुरुषो के सामान शिक्षित और योग्य होगी तो परिवार, समाज और रास्ट्र की उन्नति की गति दुगनी क्या चौगुनी हो जाएगी। वह त्याग, प्रेम, दया वात्सल्य, माँ , बहन, पत्नी, दोस्त आदि के साक्षात् मूर्ति है। स्त्री ही सच्चे अर्थो में सृजन की प्रेरणा है। स्त्री देश और समाज की रीढ़ की वह हड्डी है जिसके न रहने से जो दशा मनुस्य की होती है वही समाज की भी हो जाएगी।
यदि प्रत्येक स्त्री को उचित मार्गदर्शन व शिक्षा दी जाये तो वह कुशल समाज सुधारक, माँ, पत्नी, व्यवसाई, समाज सेविका और राजनैतिक नेता बनकर समाज के हर एक कार्य में सहयोग प्रदान कर सकती है। कुछ माँ-बाप यह समझते है की लड़कियां पढ़ लिख कर क्या करेगी उन्हें तो बड़े होकर घर पर ही रहकर घर गृहस्थी का कार्य करना है इसलिए उन्हें ज्यादा पढ़ने या पढ़ने की जरुरत नहीं है। इसलिए उन्हें पढने बहार नहीं भेटे है, उनको शिक्षित कराने में जो धन व्यय होता है उसे फिजूल खर्च समझा जाता है। यह बहुत से रुदिवादी परिवारों का मानना है की वह शिक्षित स्त्री या स्त्रिया घर-परिवार को संभाल नहीं पाती है। इस विन्दु पर विचार करते हुए कहना है की अभी 2 या 3 दिन पहले से जी टी वी द्वारा घर के बहार कार्य करने वाली स्त्रियों तथा घर के अन्दर कार्य करने वाली स्त्रियों की तुलनात्मक प्रस्तुति अपने धारावाहिक " हाउस वाईफ " जो इलाहाबाद निवासियों के रहन सहन पर आधारित है, की है।
मुदालियर कमीशन आयोग ने बालिकाओ के लिए गृह-विज्ञान को एक विषय का रूप दिया गया हो शिक्षण संस्थाओ में अक्सर महिला अध्यापिका ही उसे अच्छी तरह से समझा सकती है, एक पुरुष अध्यापक नहीं। स्त्री शिक्षा विस्तार एवं विद्यालयों के आभाव में छात्राओ के माँ बाप उन्हें छात्रो के स्चूलो में प्रवेश नहीं दिलाना चाहते है, यह उनकी सोच है। हालाकि अभी जिस तरह समाज में स्त्री की मान सम्मान एवम गौरव को समाज के कुछ गिरे हुए चरित्र के लोगो द्वारा चलती बस में किया गया, जिससे पूरे देश में उसके विरोध की आग लग गयी, इसमें हमारे सभी समाज के नवयुवको को विचार करना चाहिए।
स्त्री को हमारे रास्ट्र , समाज घर एवं सभी स्थानों पर अहम् स्थान है। प्रत्येक घर, स्तरों पर वह अपने कर्तव्यों का सही पालन करती है। कर्तव्यों का पालन करने के लिए स्त्री का शिक्षित होना अति आवश्यक है प्रत्येक क्षेत्र की उन्नति के लिए स्त्री का ही सहयोग रहा है। अतः रास्ट्र, देश, समाज परिवार एवम शिक्षण संस्थाओ को आगे बढ़कर स्त्री शिक्षा का महत्त्व आम जनता तक पहुचाना उनका परम दायित्व बनता है। साथ ही साथ उनको शिक्षित करने के अपना योगदान भी देना चाहिए।
आप सभी हैहय वंशी क्षत्रियो को हमारी तरफ से हार्दिक अभिनन्दन!
नीमा हयारण, राधा रानी (बडवार)
In the female, the female is a house of worship, god, let him believe, that all is well. How much greatness woman, whose worship is occupied by the mere supernatural Sattav. Women are always dependent on others, and has been slave to be given to education is being done. But today's woman is changing both the look and appearance, he faced living in today's illiterate are not a doll. Today, educated woman as she is entering the world of book. Today, the vision of democracy, the political, psychological, religious, and economic and cultural area of women's education is very important. If the woman educated and qualified men will stuff the family, society and the advancement of Rastr speeds will double to quadruple. The sacrifice, love, kindness VAATSALYA, mother, sister, wife, friend, etc. junior idol. Woman is the true motivation within the meaning of creation. Woman and society of the spinal cord, which he does not live in the same society will also get Mnusy condition.
So they do not read the sign outside is to educate them in which the expenditure is incurred is deemed useless. It is believed that many educated woman Rudiwadi families or Stria house - the family does not hold.is based on the.
Mudaliar Commission Commission balikao home-science as a subject has been often in female teacher teaching sustained it well explained, not a male teacher female education in schools and expand sanitation. chatrao's parents would not give them schulo propagation, it is their thinking. However just the way society values honor and pride of the society on the character Logo by moving the bus, so that the whole country against the fire, it must look to all our society navyuvko.
Restore us, society women home & all locations is important for each home, his duties follows correct levels. duties to be highly educated women is essential for the advancement of women in every sector of cooperation. so, restore, country, society and the family surpasses the importance of women's education teaching sustained common people pahuchana their ultimate liabilities. as well as educating them Your contribution also.
All you kshatriyo our best heartfelt abhinandan vanshi haha!
Neema hayaran, Radha Rani (brewed)
प्रस्तुति:
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